मध्यस्थ :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:सूक्तियां ]] == मध्यस्थ : == विमलम्मि दप्पणे जह, पिडिबिंबइ पासवत्ति वत्थुगणो, मज्झत्थे तह मणुए, संकमइ समग्ग धम्मगुणो। मज्झत्था दोसं उज्झिऊण गिण्हंति वत्थु घेतव्वं, निय—निउणयाए हंसव्व नीरचागेण खीरलवं।। —कहारयणकोष : १५७ निर्मल दर्पण में जैसे पाश्र्ववर्ती वस्तु का प्रतिबिम्ब पड़ता है, वैसे ही मध्यस्थ प्रकृति वाले व्यक्ति में उसकी अपनी निपुण…