अज्ञानी :!
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार]] ==अज्ञानी :== जो अप्पणा दु मण्णदि दुक्खिदसुहिदे करेमि सत्तेति। सो मूढो अण्णाणी, णाणी एत्तो दु विवरीदो।। —समयसार : २५३ ‘जो ऐसा मानता है कि मैं दूसरों को दु:खी या सुखी करता हूँ’, वह वस्तुत: अज्ञानी है। ज्ञानी ऐसा कभी नहीं मानते। अनुशोचत्यन्यजनमन्यभवान्तरगतं तु बालजन:। नैव शोचत्यात्मानं, क्लिश्यमानं भवसमुद्रे।। —समणसुत्त : ५१८ अज्ञानी मनुष्य अन्य…