कृत!
कृत- किसी कार्य को स्वयं करना कृत कहलाता है”
जिनधर्म- जिनेन्द्र भगवान के द्वारा कहा गया धर्म जिनधर्म है” पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी ने नवदेवता पूजा की जयमाला में लिखा है – जिनधर्म चक्र सर्वदा चलता ही रहेगा” जो इसकी शरण ले वो सुलझता ही रहेगा”
विद्यानंदि-एक प्राचीन आचार्य; जिन्होंने अष्टसहस्री जैसे महान ग्रंथराज की रचना की !
रामचरित्र – Ramacaritra Name of a religious book written by Brahma Jindas ब्रह्म जिनदास कृत एक ग्रंथ, समय – 14 वी शताब्दी
याचनी भाषा – अनुभय भाशा का एक भेद, इस तरह के प्रार्थना पूर्ण वचनों को कहना। Yacani Bhasa- Requesting language (pertaining to some material)
रत्ननंदि – नंदीसंध बलात्कार गण में वीरनंदी न 1 के षिश्य व माणिक्यनंदी न 1 के गुरू। समय ई 639 से 668 Ratnanadi-Name of the disciple of Virnandi-1 and preceptor of Manikyanandi-1