सम्यग्ज्ञान.!
[[श्रेणी:धर्म_के_लक्षण]] == सम्यग्ज्ञान == संशय, विपर्यय और अनध्यवसाय रहित पदार्थों का जानना सम्यग्ज्ञान है। इसके ग्यारह अंग, चौदह पूर्व रूप से भेद माने गये हैं अथवा प्रथमानुयोग, करणानुयोग, चरणानुयोग और द्रव्यानुयोग के भेद से चार भेद माने हैं। इन चारों अनुयोगों में सम्पूर्ण द्वादशांग का सार आ जाता है। प्रथमानुयोग-किसी एक महापुरुष के चरित का…