अष्टांकवृद्धि!
अष्टांकवृद्धि Infinite multiple increase in sinful degradation. षट् स्थान पतित वृद्धि में अन्त गुण वृद्धि को अष्टांकवृद्ध कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
अष्टांकवृद्धि Infinite multiple increase in sinful degradation. षट् स्थान पतित वृद्धि में अन्त गुण वृद्धि को अष्टांकवृद्ध कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
अष्टसहस्त्री A book written by Acharya Vidyanandji. आचार्य विद्यानंद (ई.७७५-८४०) कृत न्याय का ग्रन्थ. इस ग्रन्थ पर गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा स्यायद्वादचिंतामणि नामक हिंदी टीका लिखी गई है (समय ई. सन् १९६९-७०)जो तीन भागों में प्रकाशित हुई है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
अष्टमंगल द्रव्य Eight auspicious emblems (to be kept near the idol of Lord Jain). जिन प्रतिमा के समीप रहने वाले आठ मंगल द्रव्य- भ्रंगार, कलश, दर्पण, चँवर, ध्वजा, बीजना, छात्र और सुप्रतिष्ठ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
अश्वग्रीव Name of a Pratinarayana. भरत क्षेत्र के वर्तमान का पहला एवं आगामी ७वें प्रतिनारायण का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
अष्टांग हृदयोद्योत A book written by ‘Pandit Ashadhar’. पं आशाधारजी (ई.स.११७३-१२४३)द्वारा विरचित एक संस्कृत काव्य ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
असंख्यातासंख्यात Multiple of innumerable. काल प्रमाण का एक भेद, गणणातीत राशि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
असंख्यात Innumerable. जिसे गिना न जा सके, संख्यातीत, इसके पल्य, सागर आदि असंख्य भेद हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
अष्टाविंशति Twenty eight, like 28 lunar, 28 basic restraints, 28 Karmic forms etc. अट्ठाईस ,जैसे-२८ नक्षत्र, २८ मूलगुण, २८ मोहनीय कर्म के भेद।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
अष्टद्रव्य Eight auspicious substances for Jaina worshi-pping. जैन धर्मानुसार पूजा करने के आठ द्रव्य- जल,चन्दन,अक्षत,पुष्प,नैवेद्य, दीप, धूप, फल ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
अश्विनी Name of a lunar, The wife of Dronacharya. एक नक्षत्र, द्रोणाचार्य की पत्नी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]