कुगुरू (Kuguru)
कुगुरू (Kuguru) जो मन के भीतर तो रागद्वेष धारण करें और बाहर धन,कपड़ा,आदि से स्नेह करें और अपने को बड़ा मानकर खोटे भेष भी धारण करें वे कुगुरू संसार समुद्र से तिरने के लिए पत्थर की नाव के समान है अर्थात् संसार समुद्र से पार होने प्राणी को इन देव पर श्रद्धान नहीं करना चाहिए…