सिद्धार्थ मंगल!
सिद्धार्थ मंगल – Siddhartha Mangala. Yellow mustard seeds an auspicious article. लौकिक मंगलों में एक मंगल, पीली सरसों ।
सिद्धार्थ मंगल – Siddhartha Mangala. Yellow mustard seeds an auspicious article. लौकिक मंगलों में एक मंगल, पीली सरसों ।
सिद्ध हेमशब्दानुशासन- Siddhahemasabdanushasana. Name of a dictionary written by Shvetambar Acharya Hemchandrasuri. श्वेताम्बराचार्य हेमचन्द्रसूरि कृत शब्दकोश (समय ई0 1088-1173) ।
सिद्धवरकूट (तीर्थ) – Siddhawarkuta (tirtha). Name of a Jaina place of pilgrimage near Sanavad (M.P.), situated at the bank of Rewa river. It is the salvation place of 2 Chakravarties, 10 Kamdevs & three & half crores of Munis (saints). मध्यप्रदेश के सनावद शहर के नजदीक एक सिद्धक्षेत्र जो रेवा नदी के तट पर स्थित…
सिद्धप्रतिमा क्रिया – Siddhapratima Kriya. A type of devotional methodical prayer of saints. मुनियों का एक कृतिकर्म सिद्धों की प्रतिमा की वंदना के समय सिद्धभक्ति पूर्वक यह विधि की जाती है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] सिद्धांत चक्रवर्ती- Siddhanata Chakravarti. The title of great Jain Acharyas (for those who are well versed in scriptural knowledge). षट्खंडरूप आगम पर विजय प्राप्त करने वाले अर्थात् सिद्धांत के परिपूर्ण ज्ञान से समन्वित जैनाचार्यो को सिद्धान्त चक्रवर्ती की पदवी से विभूषित किया जाता था । यह उपाधि आचार्य श्री नेतिचंद्र मुनिराज (गोम्मटसार आदि…
सिद्धगति – Siddhagati. State of salvation free from birth-death cycle and all passions. जहां पर जन्म, जरा, मरण, भय, संयोग, वियोग, दुख, संबा और रोगादि नहीं होते है वह सिद्धगति कहलाती है। उसे उपराज से पंचमगति भी कहा गया है जो कभी नष्ट नहीं होती ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] सिद्धांतसार भाष्य – Siddhamtasara Bhasya. Name of a book 9exposition) written by saint Gyanbhooshan. निचन्द्र (वि0 1507 – 1571) कृत 79 गाथा प्रमाण जीवकाण्ड पर ज्ञानभूषण (वि0 1534-1561) कृत भाष्य ।
सिद्धार्थक – Siddharthaka. Name of a city in the north of Vijayardh mountain. विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर ।
सिंहनांदपुर – Simhanadapura. Another name of Sinhapuri which is the birth place of Lord Shyreyansanath. तीर्थकर भगवान श्रेयांसनाथ की जन्म नगरी, सिंहपुरी का अपर नाम ।
सिद्धांत ग्रंथ- Siddhanata Gramtha. The great Jaina taxts dealing with the fundamentals of Jaina philosophy. षट्खडागम, महाबंध, कषायपाहुड़ आदि सूत्र रूप जिनागम सिद्धांत ग्रथ है। जिन ग्रंथों के अंत में सिद्धपद का वर्णन गर्भित हो वे सिद्धांत ग्रंथ कहलाते है। इस व्याख्या अनुसार चारों अनुयोग भी सिद्धांत ग्रंथ कहे जा सकते है।