मिश्र!
मिश्र–Mishra. Name of the 3rd Gunsthan, A fault of food and hermitage of saint, mixed or associated one. तीसरे गुणस्थान का नाम, आहार एवं वसतिका का एक दोष, मिला हुआ, संयुक्त, मिलाया हुआ”
मिश्र–Mishra. Name of the 3rd Gunsthan, A fault of food and hermitage of saint, mixed or associated one. तीसरे गुणस्थान का नाम, आहार एवं वसतिका का एक दोष, मिला हुआ, संयुक्त, मिलाया हुआ”
मित संभाषण– Mit Smbhashan. Worthful speech, substantial speech. अनर्थक बहुप्रलाप रहित वचन मित है” अर्थात्सीमित, सारगर्भित वचन बोलना”
सारसमुच्चय – Sarasamuccaya. Name of treastise written by Acharya Kulbhadra. आचार्य कुलभद्र (ई॰ 937) द्वारा रचित 328 श्लोकबद्ध एक तत्व प्रतिपादक ग्रथ ।
सावाजी – Savaji. A Marathi Poet, the writer of the tale of sugandh Dasmi. , एक मराठी कवि (ई॰ 1965) , सुगध दशमी कथा के रचयिता ।
मिथ्या अवधिज्ञान– Mithya Avdhigyan. False clairvoyance. कुअवधि या विभंग ज्ञान; जो ज्ञान मिथ्यात्व से सहित होने के कारण विपरीत स्वरुप है”
मित्रवीर्य– Mitrvirya. Name of main listener of Lord Sumatinath. सुमतिनाथ भगवान के मुख्य श्रोता का नाम”
सामायिक चारित्र- Samayika charitra. Conduct of equanimity (One of the five conducts of saints). चारित्र के 5 भेदों में एक भेद । सर्व सावद्य सेवा योग से निवृत होना और सदा समता भाव रखना सामायिक चारित्र हेै। यह छठे से नौवें गुण स्थान तक होता है।
मार्जारसम–Maarjarasam. A type of bad listeners (to be unaffected). श्रोता के 14 भेदो में एक भेद; जो श्रोता बहुत प्रकार से समझाने पर भी बिलाव की तरह अपनी क्रूरता को भी ना छोड़े”
मिथ्यात्व प्रकृति (कर्म)– Mithyatv Prakrati (Karma). Karmic nature causing false faith. अतत्व श्रद्दान उत्पन्न करने वाला कर्म, यह दर्शन मोहनिय कर्म की एक प्रकृति है”