मिथ्यात्वप्रकृति (कर्म)!
मिथ्यात्व प्रकृति (कर्म)– Mithyatv Prakrati (Karma). Karmic nature causing false faith. अतत्व श्रद्दान उत्पन्न करने वाला कर्म, यह दर्शन मोहनिय कर्म की एक प्रकृति है”
मिथ्यात्व प्रकृति (कर्म)– Mithyatv Prakrati (Karma). Karmic nature causing false faith. अतत्व श्रद्दान उत्पन्न करने वाला कर्म, यह दर्शन मोहनिय कर्म की एक प्रकृति है”
सामान्य संग्रह नय – Samanya Sangraha Naya A Standpoint related to general truth in all the matters.. जो सत् सामान्य की अपेक्षा से सर्व पदार्थो को एकरूप ग्रहण करे । जैसे सर्व द्रव्य सत् है।
मालारोहण– Maalarohan. An obstacle in food and hermitage of a saint (reg. use of wood ladder). आहार एवं वसतिका का एक दोष लकड़ी की बनी हुई सीढ़ी से ऊपर चढ़कर वहा राखी हुई सामग्री लाकर साधू को आहार में देना
साहसी – Sahasi. Courageous, bold, brave. आगे आने वाले कष्टों को विचारे बिना ही जो सहसा किसी भी कार्य को करने के लिए प्रवृत्त हो उसको साहसी कहते है।
मिथ्याज्ञान– Mithyagyan. Wrong knowledge. मिथ्यादर्शन के उदय से उत्पन्न होने वाले तीन प्रकार का अज्ञान” (कुमति, कुश्रुत, कुअवधि)”
मित्रफल्गु– Mitraflagu. Name of the main listener in the Samavsharan of Lord Abhinandannath. भगवान आदिनाथ के 5६वे गणधर का नाम”
मिथ्यादृष्टी–Mithyadrashti. Wrong believer, Wrong faithed. जिन उपदिष्ट प्रवचन का षड्धन नहीं करने वाला” अर्थात् प्रथम गुणस्थानवर्ती जीव, जो मिथ्यादर्शन सहित है”
सामान्य विधि – Samanya Vidhi General method of explanation. कथन करने की दो विधियों में एक सामान्य विषय का बोध कराने वाले वाक्य।
मालिकोद्वहन– Maalikodvahna. An infraction of meditative relaxation (taking help of something in standing). कायोत्सर्ग का एक अतिचार; मस्तक ऊपर करके किसी प्रद्हत का आश्रय लेकर खड़ा होना”