मिथ्यात्वक्रिया!
मिथ्यात्व क्रिया– Mithyatv Kriya. Misbelief, Perverse attitude, False faith. आस्रव की 25 क्रियाओ में दूसरी क्रिया; मिथ्या देव शास्त्र गुरु की पूजा, स्तुति, भक्ति करना”
मिथ्यात्व क्रिया– Mithyatv Kriya. Misbelief, Perverse attitude, False faith. आस्रव की 25 क्रियाओ में दूसरी क्रिया; मिथ्या देव शास्त्र गुरु की पूजा, स्तुति, भक्ति करना”
सिंदूर द्वीप सागर – Sinddura Dvipa Sagara. Name of an island & an ocean of middle universe. मध्य लोक का एक द्वीप व सागर ।
माला निमित्तज्ञान– Mala Nimittgyan. A type of super natural power. ॠद्धि का एक भेद”
मित्रयज्ञ– Mitraygya. Name of the 50th chief disciple of Lord Adinath. भगवान आदिनाथ के 50वे गणधर का नाम”
मिश्रअसद्भूत व्यवहार नय–Mishra Asadbhut Vyavhar Nay. A standpoint related to inappropriate mixing of matters. स्वजाति–विजाति द्रव्य–गुण–पर्याय का एक–दुसरे में जिस नय से आरोपण किया जाए”
साहसगति – Sahasagati. The son of kind Chakrank, who wished to get the wife of Sugriv. राजा चक्रंक का पुत्र-एक विद्याधर । सुग्रीव की स्त्री को प्राप्त करने के अर्थ से इसने विद्या सिंद्ध की थी ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मार्ग स्मयग्दर्शन–Marg Samyagdarshan. Right attitude towards path of salvation. दर्शन मोह का उपशम होने से ग्रन्थ श्रवण के बिना कल्याणकारी मोक्ष मार्ग का श्रद्धानहोना”
सलंबन ध्यान – Salambana Dhyana. Religious contemplation. धर्मध्यान या आलम्बन सहित ध्यान
सामायिक शुद्धि संयम -Samayika Suddhi Sanyama. Renunciation of Sinful Activities (restraint with equanimous purity). द्रव्यार्थिक नय की अपेक्षा सकल सावद्ययोग के त्याग को सामायिक शुद्धि संयम कहते है।
श्रृष्टि -Srsti. Creation of the world or universe. संसार की रचना, प्रकृति, प्राकृतिक संपत्ति । वैदिक मतावलम्बी इसे मायावच्छिन्न ईष्वर की रचना मानते है। जबकि जैन धर्म के अनुसार सृष्टि की व्यवस्था स्वसंचालित अनादिनिधन है इसका कर्ता, हर्ता कोई भी नही है।