सावद्य कर्माय!
सावद्य कर्माय- Savadya Karmarya. A type of noble persons who remain engaged in occupational activities for their livelihood. असि, मसि, कृषि, विद्या, वाणिज्य, शिल्प षट्कार्य द्वारा आजीविका करने वाले सावद्य कर्मार्य है।
सावद्य कर्माय- Savadya Karmarya. A type of noble persons who remain engaged in occupational activities for their livelihood. असि, मसि, कृषि, विद्या, वाणिज्य, शिल्प षट्कार्य द्वारा आजीविका करने वाले सावद्य कर्मार्य है।
सामायिक संयम – Samayika Sanyama. See-Saddyika Caritra. देखे – सामयिक चरित्र ।
सारस्वत यंत्र- Sarasvata Yaintra. A type of metallic plate engraved wit some auspicious mystic words & diagrams. विशिष्ट सारस्वत मंत्रों एवं रेखाकृतियों से निर्मित एक यंत्र ।
श्रृष्टि -Srsti. Creation of the world or universe. संसार की रचना, प्रकृति, प्राकृतिक संपत्ति । वैदिक मतावलम्बी इसे मायावच्छिन्न ईष्वर की रचना मानते है। जबकि जैन धर्म के अनुसार सृष्टि की व्यवस्था स्वसंचालित अनादिनिधन है इसका कर्ता, हर्ता कोई भी नही है।
मिथ्यादर्शन क्रिया– Mithyadarshan Kriya. The approval of the activities of a wrong doer. आस्रव की 25 क्रियाओ में 24वी क्रिया; मिथ्यादर्शन के साधनों से युक्त पुरुष की प्रशंसा आदि करके उसे मीथातव में द्रंढ करना”
मालास्वप्न– Maala Swapn. One of the dream seen by Tirthankar’s mother. तीर्थंकर की माता को दिखे 16 स्वप्न में से एक स्वप्न; जिसका फल है पुत्र समीचीन धर्म का प्रवर्त”
मित्रानुराग– Mitraagunarga. To remember the attachment of the past time, an infraction of the period of holy death. सल्लेखना का एक अतिचार; समाधि के समय मित्रो से किये गए अथवा उनके दिए गए प्रेम की स्मृति करना”
सामिप्य – Samipya. Proximity, Vicinity. समीप होने का भाव, निकटता, तुल्य जातियों के बीच में दुसरे पदार्थे का न आना सामीप्य है।
मिथ्याचारित्र– Mithyachaaritra. Wrong conduct. निज आत्मा के अनुष्ठान के रूप में विमुखता होना अर्थात् मोक्षमार्ग से विपरीत मार्ग पर चलना”
मिथ्या अहंकार– Mithya Ahankar. False Pride. झूठा अभिमान; “ मै दुसरो का उपकार या अपकार करता हु” ऐसा मानना”