श्राविका-कैसी हो?
श्राविका-कैसी हो आज ? संसार की सृष्टि में स्त्री और पुरुष दो अंग हैं। जैसे कुम्भकार के बिना चाक से बर्तन नहीं बन सकते हैं अथवा कृषक के बिना पृथ्वी से धान्य की फसल नहीं हो सकती है उसी प्रकार स्त्री-पुरुष दोनों के संयोग के बिना सृष्टि की परम्परा नहीं चल सकती है। उसी पर…