गुणस्थान
गुणस्थान गुणस्थानों की अपेक्षा मुनियों में भेद दर्शनमोहनीय आदि कर्मों की उदय उपशम आदि अवस्था के होने पर जीव के जो परिणाम होते हैं उन परिणामों को गुणस्थान कहते हैंं ये गुणस्थान मोह और योग के निमित्त से होते हैं। इन परिणामों से सहित जीव गुणस्थान वाले कहलाते हैं। इनके १४ भेद हैं- मिथ्यात्व, सासादन,…