आठ कर्मों का स्वभाव
आठ कर्मों का स्वभाव ज्ञानावरण –जो आत्मा के ज्ञान गुण को ढके-प्रकट न होने दे, जैसे-देवता के मुख पर पड़ा हुआ वस्त्र। दर्शनावरण –जो आत्मा का दर्शन न होने दे, जैसे-राजा का पहरेदार। वेदनीय – जो जीव को सुख-दु:ख का वेदन-अनुभव करावे, जैसे-शहद लपेटी तलवार की धार। मोहनीय – जो आत्मा को मोहित-अचेतन करे, जैसे-मदिरापान।…