फूलमाल पचीसी
फूलमाल पचीसी दोहा- जैन धरम त्रेपन क्रिया, दया धरम संयुक्त। यादो वंश विषैं जये, तीन ज्ञान करि युक्त।।१।। भयो महोत्सव नेमि को, जूनागढ़ गिरनार। जाति चुरासिय जैनमत, जुरे क्षोहनी चार।।२।। माल भई जिनराज की, गूंथी इन्द्रन आय। देश देश के भव्य जन, जुरै लेनकों धाय।।३।। -छप्पय- देश गौड़ गुजरात चौड़ सोरठि बीजापुर। करनाटक काश्मीर मालवा…