भजन
“…भजन…” -आर्यिका चन्दनामती तर्ज—हम लाए हैं तूफान से…… हम आए हैं निगोद से, आशाएँ संजोके। मानुष जनम को पाके, फिर निगोद न लौटें।। टेक.।। केवल जनम मरण में ही, पर्याय बिताई। कुछ पुण्य का संयोग, त्रस पर्याय अब पाई।। शक्ती मिले चिन्तन करें, आतम मगन होके। मानुष जनम को पाके, फिर निगोद न लौटें।।१।। स्वर्गों…