आटे का मुर्गा
आटे का मुर्गा…. (१) उज्जयिनी नगरी में चारों तरफ हर्ष और विषाद का वातावरण एक साथ दिख रहा है। महाराजा यशोध अपने पुत्र यशोधर का राज्याभिषेक महोत्सव सम्पन्न कर चुके हैं। उसके मस्तक पर अपना पट्टबंध रखकर स्नेह से भरे शब्दों में कह रहे हैं- ‘‘बेटा यशोधर! जैसे मैंने अपने पिता यशबंधुर के दिए हुए…