1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 पद्मनंदीपञ्चविंशतिका पद्यानुवाद मंगलाचरण ।।‘‘श्री ऋषभदेवाय नम:" ।। ।।"ॐ श्री महावीराय नम:’’।। ।।‘‘श्री ज्ञानमती मात्रे नम:’’।। ।।‘‘श्री रत्नमती मात्रे नम:’’।। मंगलाचरण श्री नाभिराज सुत ऋषभ को कोटि कोटि प्रणाम। पुन: ज्ञानमती मात का श्रद्धा से कर ध्यान।। जिनने पढ़ इस ग्रंथ को किया आत्मकल्याण। ऐसी माता...
part-1 part-2 part-3 part-4 part-5 षट्खंडागम ( धवला टीका ) का सार - गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ( पुस्तक -१ ) णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं। णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं।।१।। षट्खण्डागम की प्रथम पुस्तक सत्प्ररूपणा में सर्वप्रथम ‘णमोकार महामंत्र’ से मंगलाचरण किया है। इसमें १७७ सूत्र हैं। इस ग्रंथ की रचना श्रीमत्पुष्पदंत आचार्य...