तीर्थंकर बनने के नियम
“…तीर्थंकर बनने के नियम…” (सोलहकारण भावनाओं के नाम में अन्तर) (षट्खण्डागम ग्रंथ के आधार से) षट्खण्डागम में छह खण्डों के नाम क्रमश:-१. जीवस्थान, २. क्षुद्रकबंध, ३. बंधस्वामित्वविचय, ४. वेदनाखण्ड, ५. वर्गणाखण्ड और ६. महाबंध हैं। इसमें तृतीय खण्ड बंधस्वामित्व का वर्णन धवला पुस्तक आठवीं में है। इस ग्रंथ में बंध के चार कारण माने हैं-‘‘जीवकम्माणं…