पंचकल्याणक निर्देशिका
“…पंचकल्याणक निर्देशिका…” मंगलाचरण शार्दूलविक्रीडित छंद शांति: कुंथ्वरनाथशक्रमहिता: सर्वै: गुणैरन्विता:। ते सर्वे तीर्थेशचक्रिमदनै: पदवीत्रिभि: संयुता:।। तीर्थंकरत्रयजन्ममृत्युरहिता: सिद्धालये संस्थिता:। ते सर्वे कुर्वन्तु शान्तिमनिशं तेभ्यो जिनेभ्यो नम:।।१।। तीर्थंकर श्री शांतिनाथ-कुंथुनाथ-अरहनाथ भगवान इन्द्रों से वन्दित समस्त गुणों से विभूषित थे, तीर्थंकर-चक्रवर्ती और कामदेव इन तीन पदवियों से समन्वित वे तीनों भगवान जन्म-जरा-मृत्यु से रहित होकर सिद्धालय-सिद्धशिला पर विराजमान हो…