श्री गौतम गणधर वाणी
श्री गौतम गणधर वाणी 8.1 पडिक्कमामि भंते ! 8.2 पडिक्कमामि भंते ! 8.3 ‘उणवीसाए णाहज्झाणेसु।’’ 8.(5.1) ‘‘चउवीसाए अरहंतेसु।’’(सोलहकारण भावना) 8.(5.2)चौबीस तीर्थंकर जीवन दर्शन 8.(5.3) 24 तीर्थंकरों के 46गुण 8.(5.4) चौबीस तीर्थंकरों का विशेष परिचय 8.6 सप्तभंगी स्तोत्र 8.7 चौबीस तीर्थंकर समवसरण स्तोत्र 8.8 समवसरण वंदना 09. इच्छामि भंते! 9-10‘‘णमोक्कार पदे।’’ 9-11 ‘‘अरहंतपदे।’’ 9-12 ‘‘सिद्धपदे।’’ 9-13…