तीर्थंकर श्री सुपार्श्वनाथ जिनपूजा
तीर्थंकर श्री सुपार्श्वनाथ जिनपूजा -अथ स्थापना-नरेन्द्रछंद- श्री सुपार्श्व के चरण कमल में, गणधर गुरु शिर नाते। मुनिगण स्वात्म रसास्वादी भी, मन मंदिर में ध्याते।। सप्तम तीर्थंकर मरकतमणि, आभा से अतिसुंदर। आह्वानन कर जजूँ आपको, नमते तुम्हें पुरंदर।।१।। ॐ ह्रीं श्रीसुपार्श्वनाथतीर्थंकर! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीसुपार्श्वनाथतीर्थंकर! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं। ॐ…