उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का भजन
उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का भजन तर्ज-दीदी तेरा……… ब्रह्मचर्य व्रत को निभाना, हे नाथ! कठिन है इसे पाना। झुकता उसके आगे जमाना, हे नाथ! कठिन है इसे पाना।।टेक.।। जो विषयों का त्यागी है आत्मा का रागी, वही ब्रह्मचर्य सहित है विरागी! महासाधुगण की निधी यह धरोहर, वही इसके बल पर बनें वीतरागी।। उनको जग ने पावन…