अयोध्या तीर्थ वंदना
अयोध्या तीर्थ वंदना अयोध्या मंगलं कुर्या-दनंततीर्थकर्तृणाम्। शाश्वती जन्मभूमिर्या, प्रसिद्धा साधुभिर्नुता।।१।। ऋषभोऽजिततीर्थेशो-ऽप्यभिनंदनतीर्थकृत्। श्रीमान् सुमतिनाथश्चा-नन्तनाथजिनेश्वर:।।२।। पंचतीर्थकृतां गर्भ-जन्मकल्याणकादिषु। इंद्रादिभि: सदा वंद्या, वंद्यते वंदयिष्यते।।३।। असंख्यात-मुक्तिगानां, भरतादिन¸णामपि। जन्मभूमिर्मया भक्त्या, त्रिसंध्यं वन्द्यते मुदा।।४।। अनंतों तीर्थंकरों की जन्मभूमि ‘अयोध्या’ यह शाश्वत तीर्थ है। यह तीर्थ साधुओं के द्वारा भी नमस्कृत है, ऐसा यह अयोध्या तीर्थ मंगल करे, हम सभी के लिए मंगलकारी…