06. पूजा नं. 5
पूजा नं. 5 स्थापना-्नारेन्द्र छंद मोक्षमार्ग के नेता त्रिभुवन वेत्ता वर तीर्थंकर। चिच्चैतन्य सुधारस प्यासे, भविजन को क्षेमंकर।। उनको इत आह्वानन करके, पूजूँ मन वच तन से। आतम अनुभव अमृत हेतू वंदूँ अंजलि करके।।१।। ॐ ह्रीं तीर्थंकराणां महाशोकध्वजादिशतनाममंत्र समूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …