अग्निवेग विद्याधर (चौथा भव)
अग्निवेग विद्याधर (चौथा भव) -प्रथम दृश्य- (मंच पर सामूहिक प्रार्थना) (पुष्कलावती देश के लोकोत्तर नामक नगर का दृश्य है। विद्याधर राजा विद्युत्गति का राजमहल) (विद्याधर राजा विद्युतगति का दरबार लगा है। महाराज मंत्रीगणों के साथ वार्ता में मग्न हैं। अचानक एक दासी प्रसन्न मुद्रा में राजदरबार में भागती हुई आती है) दासी-महाराज की जय हो!…