पावापुरी सिद्धक्षेत्र वंदना
पावापुरी सिद्धक्षेत्र वंदना……… (स्रग्विणी छन्द) वंदना मैं करूँ पावापुर तीर्थ की, जो है निर्वाणभूमी महावीर की।। अर्चना मैं करूँ पावापुर तीर्थ की, जो है वैâवल्यभूमी गणाधीश की।। जैनशासन के चौबीसवें तीर्थंकर, जन्मे कुण्डलपुरी राजा सिद्धार्थ घर। रानी त्रिशला ने सपनों का फल पा लिया, बोलो जय त्रिशलानंदन महावीर की।।१।। वीर वैरागी बनकर युवावस्था में, दीक्षा…