कालसर्पयोग निवारक (८६) श्री पार्श्वनाथ व्रत
कालसर्पयोग निवारक (८६) श्री पार्श्वनाथ व्रत इस व्रत में १०८ उपवास या एकाशन करना है। इसमें तिथि का कोई नियम नहीं है अथवा प्रत्येक रविवार को भी यह व्रत कर सकते हैं। व्रत के दिन भगवान पार्श्वनाथ का अभिषेक एवं पूजा करके प्रथम समुच्चय जाप्य करना पुन: एक-एक मंत्र की जाप्य करना। १०८ व्रतों में…