पंच परमेष्ठी विधान की आरती
पंच परमेष्ठी विधान की आरती तर्ज—ॐ जय…………. ॐ जय पंच परम देवा, स्वामी जय पंच परम देवा। दुखहारी सुखकारी, जय जय जय देवा।।ॐ जय.।।टेक.।। घाती कर्म विनाशा, केवल रवि प्रगटा।।स्वामी.।। दर्श ज्ञान सुख वीरज, अनुपम शांति छटा।।ॐ जय.।। अष्ट कर्म रिपु क्षय कर, सिद्ध प्रसिद्ध हुए।।स्वामी.।। लोक शिखर पर राजे, नंतानंत रहे।।ॐ जय.।। पंचाचार सहित…