वर्षायोग ग्रहण कब और कैसे करें?
वर्षायोग ग्रहण कब और कैसेकरें? ततश्चतुर्दशीपूर्वरात्रे सिद्धमुनिस्तुती, चतुर्दिक्षु परीत्याल्पाश्चैत्यभक्तिगुरुस्तुती।।६६।। शांतिभक्तिं च कुर्वाणैर्वर्षायोगस्तु गृह्यतां, ऊर्जकृष्णचतुर्दश्यां पश्चाद्रात्रौ च मुच्यताम्।।६७।। ततः अर्थात् मंगलगोचर प्रत्याख्यान ग्रहण करने के बाद ‘‘आषाढ़ शुक्ला चतुर्दश्या रात्रेः प्रथमप्रहरोद्देशे’’आषाढ़ शुक्ला चतुर्दशी के दिन पूर्वरात्रि में साधुवर्ग वर्षायोग ग्रहण करें-वर्षायोग ग्रहण की भक्तियाँ पढ़कर वर्षायोग-चातुर्मास की स्थापना कर लेवें। इसमें पहले सिद्धभक्ति और योगिभक्ति करें…