मुक्ति प्राप्त मुनियों के अर्घ्य
मुक्ति प्राप्त मुनियों के अर्घ्य —सोरठा— ऋषभदेव के शिष्य, साठ सहस नौ सौ कहे। लिया मुक्ति पद नित्य, नितप्रति पूजूँ भाव सों।।१।। ॐ ह्रीं श्रीऋषभदेवस्य सिद्धपदप्राप्तषष्टिसहस्रनवशतयतिभ्य: अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा। अजितनाथ के साधु, रत्नत्रय निधि के धनी। सतहत्तर सु हजार, इक सौ यति गण शिव गये।।२।। ॐ ह्रीं श्रीअजितनाथस्य सिद्धपदप्राप्तसप्तसप्ततिसहस्र-एकशतयतिभ्य: अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा। संभव के इक…