श्री ऋषभदेव चरित
“….श्री ऋषभदेव चरित….” ऋषभदेव का गर्भावतार—भगवान के गर्भ में आने के छह महीने पहले इन्द्र की आज्ञा से कुबेर ने माता के आंगन में साढ़े सात करोड़ रत्नों की वर्षा की थी। किसी दिन रात्रि के पिछले प्रहर में रानी मरुदेवी ने ऐरावत हाथी, शुभ्र बैल, हाथियों द्वारा स्वर्ण घटों से अभिषिक्त लक्ष्मी, पुष्पमाला आदि…