जिनप्रतिमा का लक्षण
जिनप्रतिमा का लक्षण (यक्ष-यक्षी समेत) (प्रतिष्ठा ग्रंथों में) शान्तप्रसन्नमध्यस्थनासाग्रस्थाविकारकृत। सम्पूर्णभावरूपानुविद्धांगं लक्षणान्वितम्।। रौद्रादिदोषनिर्मुक्तप्रातिहार्यां – कयक्षयुक्। निर्माप्य विधिना पीठे जिनबिम्बं निवेशयेत्१।। अर्थ-जिसके मुख की आकृति शांत हो, प्रसन्न हो, मध्यस्थ हो, नेत्र विकाररहित हो, दृष्टि नासिका के अग्रभाग पर हो, जो केवलज्ञान के सम्पूर्ण भावों से सुशोभित हो, जिसके अंग उपांग सब सुन्दर हों, रौद्र आदि भावों…