05. पंचकल्याणक अर्घ्य
पंचकल्याणक अर्घ्य -रोला छंद- पुरी कंपिला नाम, पितु कृतवर्मा गृह में। जयश्यामा वर मात, गर्भ बसे शुभ तिथि में।। ज्येष्ठ वदी दश श्रेष्ठ, सुरपति नरपति पूजें। नमूँ आज शिर टेक, जजूँ कर्म अरि धूजें।।१।। ॐ ह्रीं ज्येष्ठकृष्णादशम्यां श्रीविमलनाथतीर्थंकरगर्भकल्याणकाय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा। …