04. विद्यमान बीस तीर्थंकर पूजा
पूजा ऩं 1 विद्यमान बीस तीर्थंकर पूजा (समुच्चय) —स्थापना (गीता छंद)— सीमंधरादिक बीस तीर्थंकर विदेहों में रहें। जिनकी सभा में आज भी भविवृंद निज कल्मष दहें।। उन विद्यमान जिनेश की मैं नित करूँ आराधना। पूजन करूँ अति भक्ति से निज तत्त्व की ही साधना।।१।। ॐ ह्रीं अर्हं विदेहक्षेत्रस्थसीमंधरादिविद्यमानविंशतितीर्थंकरसमूह ! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …