जयमाला
जयमाला……. -शेरछंद- जय जय श्री जिनदेव देव देव हमारे। जय जय प्रभो! तुम सेव करें सुरपति सारे।। जय जय अनंत सौख्य के भंडार आप हो। जय जय समोसरण के सर्वस्व आप हो।।१।। मुनिवर विशाख आदि अट्ठाईस गणधरा। चालिस हजार साधु थे व्रतशील गुणधरा।। श्रीबंधुषेणा गणिनी आर्या प्रधान थीं। पचपन हजार आर्यिकाएँ गुण निधान थीं।।२।। श्रावक…