04. तीर्थंकर श्री विमलनाथ की पूजा
पूजा नं. 2 तीर्थंकर श्री विमलनाथ की पूजा अथ स्थापना-नरेन्द्र छंद अमल विमल पद पाकर स्वामी, विमलनाथ कहलाये। भाव-द्रव्य-नोकर्म मलों से, रहित शुद्ध कहलाये।। आत्मा के संपूर्ण मलों को, धोने हेतु जजूूँ मैं। आह्वानन स्थापन करके, पूजा करूँ भजूँ मैं।।१।। ॐ ह्रीं श्रीविमलनाथतीर्थंकर! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीविमलनाथतीर्थंकर! अत्र तिष्ठ तिष्ठ…