वैराग्य के अंकुर-१
“…वैराग्य के अंकुर-१ समाहित विषयवस्तु…” १. जैन पाठशाला का वार्षिकोत्सव। २. पंद्रह वर्षीय मैना का उत्सव में माँ के साथ जाना। ३. अकलंक और निकलंक नाटक का मंचन। ४. मैना पर ‘‘नाटक का प्रभाव’’-गृह बंधन में नहीं बँधने का निर्णय’’ ५. अपना निर्णय माँ को सुनाया। “…काव्य पद…” पाठकवृन्द! चलें हम मिलकर, जैन पाठशाला प्रांगण।…