06. श्रीसर्वसुन्दर महर्षि पूजा
(पूजा नं. 5) श्रीसर्वसुन्दर महर्षि पूजा -स्थापना-(अडिल्ल छंद)- रामचन्द्र के समय सप्तऋषि थे हुए। जिनके तप से जन जन मन पावन हुए।। उनमें चौथे ऋषी सर्वसुन्दर कहे। उनकी पूजा हेतू आह्वानन करें।।१।। ॐ ह्रीं श्रीसर्वसुन्दरमहर्षे! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीसर्वसुन्दरमहर्षे! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं। ॐ…