03. चंद्रमा जिनालय पूजा
पूजा नं.-2 चंद्रमा जिनालय पूजा अथ स्थापना-नरेन्द्र छंद जंबुदीप लवणोदधि से ले, असंख्यात द्वीपोदधि। अंतिम जलधि स्वयंभूरमणं, तक पैले ये ज्योतिषि।। चंद्र इंद्र हैं ये भी संख्यातीत कहाये जग में। इनके बिंबों के जिनगृह को, पूजूँ रुचिधर मन में।।१।। ॐ ह्रीं मध्यलोके चंद्रविमानस्थितसंख्यातीतजिनालयजिनबिम्बसमूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। …