विमानों का विस्तार आदि
विमानों का विस्तार आदि सभी इंद्रक और श्रेणीबद्ध विमान गोल हैं दिव्य रत्नों से निर्मित ध्वजा तोरणों से सुशोभित हैं। इनके अंतराल में विदिशाओं में पुष्पों के सदृश रत्नमय उत्तम प्रकीर्णक विमान हैं। इंद्रकों का विस्तार कह दिया है। सभी श्रेणीबद्ध विमान असंख्यात योजन विस्तार वाले हैं और असंख्यात योजन प्रमाण ही इनका तिरछा अंतराल…