जयमाला
जयमाला…. -दोहा- हस्तिनागपुर में हुये, गर्भ जन्म तप ज्ञान। सम्मेदाचल मोक्षथल, पूजूँ अर भगवान।।१।। -त्रिभंगी छंद- पितु नृपति सुदर्शन सोमवंशवर, प्रसू मित्रसेना सुत थे। आयू चौरासी सहस वर्ष धनु, तीस तनू स्वर्णिम छवि थे।। गुरु तीस गणाधिप मुनि पचास, हज्जार आर्यिका साठ सहस। श्रावक इक लाख व साठ सहस, श्राविका लाख त्रय धर्मनिरत।।२।। -पंचचामर छंद-…