02. महामृत्युंजय स्तोत्र
महामृत्युंजय स्तोत्र -प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चन्दनामती तीन लोक का हर प्राणी जिनके चरणों में झुकता है। तीन लोक का अग्रभाग जिनकी पावनता कहता है।। जन्म मृत्यु से रहित नाथ वे मृत्युञ्जयि कहलाते हैं। मृत्युञ्जयि प्रभु के वन्दन से जन्म मृत्यु नश जाते हैं।।१।। जिसने जन्म लिया है जग में मृत्यू उसकी निश्चित है। इसी जन्ममृत्यू के…