आरती
आरती….. प्रभु आरति करने से, सब आरत टलते हैं। जनम-जनम के पाप सभी, इक क्षण में टलते हैं। मन-मंदिर में ज्ञानज्योति के दीपक जलते हैं।।प्रभु.।।टेक.।। श्री ऋभषदेव जब जन्में-हां-हां जन्में, कुछ क्षण को भी शांति हुई नरकों में। स्वर्गों से इन्द्र भी आए….हां-हां आए, प्रभु जन्मोत्सव में खुशियां खूब मनाएं।। ऐसे प्रभु की आरति से,…