01. नंन्दीश्वर द्वीप समुच्चय पूजा
नंन्दीश्वर द्वीप समुच्चय पूजा -अथ स्थापना (गीता छंद)- सिद्धांत सिद्ध अनादि अनिधन, द्वीप नंदीश्वर कहा। मुनि वंद्य सुरनर पूज्य अष्टम द्वीप अतिशययुत महा।। वहाँ पर चतुर्दिक शाश्वते बावन जिनालय शोभते। प्रत्येक में जिनबिंब इक सौ आठ सुर मन मोहते।।१।। -दोहा- जिन प्रतिमा के जिनभवन, परमशांति के धाम। आह्वानन कर पूजते, मिले आत्मविश्राम।।२।। ॐ ह्रीं श्रीनंदीश्वरद्वीपसंबंधिद्वापंचाशत्-जिनालयजिनबिंबसमूह!…