07. श्री षट्खण्डागम ग्रंथराज की मंगल आरती
श्री षट्खण्डागम ग्रंथराज की मंगल आरती रचयित्री-ब्र. कु. सारिका जैन (संघस्थ) तर्ज-चाँद मेरे आ जा रे…………… आज हम आरति करते हैं-२ षट्खण्डागम ग्रंथराज की, आरति करते हैं।। महावीर प्रभू के शासन का, ग्रंथ प्रथम कहलाया। उनकी वाणी सुन गौतम, गणधर ने सबको बताया।। आज हम आरति करते हैं-२ वीरप्रभू के परम शिष्य की, आरति…