केवलज्ञान महालक्ष्मी पूजा
केवलज्ञान महालक्ष्मी पूजा स्थापना (गीता छन्द) वैâवल्यज्ञान महान लक्ष्मी, त्रय जगत में मान्य है। सब लोक और अलोक जिसमें, एक अणु समान है।। जिस चाह से सब साधुगण, भी सेवते परमात्म को। उस महालक्ष्मी को जजूँ, करके मुदा आह्वान को।।१।। ॐ ह्रीं श्रीकेवलज्ञानमहालक्ष्मी ! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीकेवलज्ञानमहालक्ष्मी ! अत्र तिष्ठ…