01. चौबीस तीर्थंकर एवं गणधर पूजा
चौबीस तीर्थंकर एवं गणधर पूजा —अथ स्थापना (दोहा)— सब द्वीपों के मध्य है, उत्तम जंबूद्वीप। उसके भरत सुक्षेत्र में, तीर्थंकर चौबीस।।१।। चौदह सो उनसठ प्रमित, उनके गणधर देव। लक्ष अठाइस औ सहस, अड़तालिस मुनिसर्व।।२।। जिनवर गणधर मुनिवरा, ऋद्धि सिद्धि भंडार। विधिवत् मैं पूजा करूँ, करो भवोदधि पार।।३।। ॐ ह्रीं अर्हं सर्वगणधरमुनिगणसहित-चतुर्विंशतितीर्थंकर-समूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट्…