आचारसार ग्रंथ में आहार प्रत्याख्यान की विधि
आचारसार ग्रंथ में आहार प्रत्याख्यान की विधि प्रतिग्रहप्रणामाभ्यां स्थापितो योग्यदातृभिः। तर्णकैलकवालादीननुल्लंघ्य विशेद्गृहम्१।।११६।। जिस घर के योग्य दाता ने प्रतिग्रह और प्रणाम करके स्थापना किया है—ठहराया है उसके घर में भैंस के छोटे बच्चे वा किसी भेड़, बकरी के छोटे बच्चे को उल्लंघन न करते हुए प्रवेश करना चाहिए।।११६।। प्रकाशजनसंचारवत्यशुच्यङ्गिवर्जते । विस्तीर्णे संवृते शस्ते सम्मते तत्र…