(३६) श्रुतज्ञान व्रत
(३६) श्रुतज्ञान व्रत (१) पहली विधि-श्रुतविधि उपवास में मतिज्ञान के २८, ग्यारह अंगों के ११, परिकर्म के २, सूत्र के ८८, प्रथमानुयोग का १, चौदह पूर्वों के १४, पाँच चूलिका के ५, अवधिज्ञान के ६, मन: पर्ययज्ञान के २ और केवलज्ञान का १, ऐसे १५८ उपवास करने होते हैं। एक-एक उपवास के बाद एक-एक पारणा…