श्री गणधर स्वामी की मंगल आरती
श्री गणधर स्वामी की मंगल आरती -आर्यिका चन्दनामती तर्ज—तन डोले……………….. गणधर स्वामी, अन्तर्यामी की मंगल दीप प्रजाल के, मैं आज उतारूं आरतिया।टेक.।। तीन न्यून नव कोटि मुनीश्वर, ढाई द्वीप में होते। घोर तपस्या के द्वारा, निज कर्म कालिमा धोते।।गुरू जी।। गणधर भी हैं, श्रुतधर भी हैं, इन मुनियों में सरताज वे मैं आज उतारूं आरतिया।।१।।…