31. सिद्ध जिनालय पूजा
पूजा नं.-30 सिद्ध जिनालय पूजा अथ स्थापना-शंभु छंद श्री सिद्धशिला नरलोक मात्र, पैंतालिस लाख सुयोजन है। त्रैलोक्य शिखर पर अष्टम भू, पर रुक्मी१ अर्धचंद्र सम है।। श्री सिद्ध अनंतानंत इसी पर, तिष्ठें अष्ट गुणान्वित हैं। आह्वानन कर इनको पूजूँ, ये देते सौख्य अपरिमित हैं।।१।। ॐ ह्रीं त्रैलोक्यशिखरस्थितसिद्धशिलोपरिविराजमान-अनंतानंतसिद्धसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं त्रैलोक्यशिखरस्थितसिद्धशिलोपरिविराजमान-अनंतानंतसिद्धसमूह!…