प्रशस्ति
प्रशस्ति……. —शंभु छंद— श्री शांतिनाथ श्री कुंथुनाथ, अरनाथ प्रभू जन्में यहां पर। यह हस्तिनागपुर तीर्थ वंद्य, रत्नों की वृष्टि हुई यहाँ पर।। यहां तेरहद्वीप बना सुंदर, जिनमंदिर हैं महिमाशाली। मेरा यहाँ संघ सहित निवास, स्वाध्याय ध्यान से है हितप्रद।।१।। अकृत्रिम वृक्ष जिनालय का, यह विधान अतिशायी सुखप्रद। सुखशांति समद्धी देकर के, अतिशय शक्ती देगा संतत।।…